राजकीय छात्रावास को खाली करने के लिए अधीक्षक ने चस्पा किया नोटिस : मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए जल्द शुरू होगा कार्य, नहीं खाली करने पर होगी कार्रवाई

कालपी (जालौन)। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित दो मंजिला राजकीय छात्रावास को मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्य के लिए खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसको लेकर छात्रावास अधीक्षक देवेंद्र त्रिवेदी और सहायक भगवान दास ने वहां निवास करने वाले विद्यार्थियों को कमरा खाली करने के निर्देश जारी किए। साथ ही, छात्रावास के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा कर दिया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि कोई छात्र छात्रावास खाली करने में आनाकानी करता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
छात्रावास का इतिहास और आवश्यकता
कालपी नगर के मोहल्ला आलमपुर, पुराने नुमाइश ग्राउंड में स्थित यह छात्रावास वर्ष 1997 में तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री श्रीराम पाल के प्रयासों से दलित वर्ग के छात्रों के लिए बनाया गया था। इसमें 18 कमरे, 6 शौचालय और स्नानागार बनाए गए थे, ताकि कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र के दौरान निवास कर सकें और अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से पूरी कर सकें।
छात्रावास को बने हुए दो दशक से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई थी। इस कारण भवन की दीवारों में दरारें आ गई हैं, बाउंड्री भी कई जगहों से टूटी हुई है, और शौचालय एवं अन्य सुविधाओं की स्थिति भी दयनीय हो गई है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने छात्रावास के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण का फैसला किया है।
मरम्मत कार्य के लिए छात्रों को करना होगा छात्रावास खाली
अधीक्षक देवेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र समाप्त हो चुका है, इसलिए छात्रावास को खाली कराने का यह सही समय है। उन्होंने कहा,
“मरम्मत कार्य जल्द शुरू किया जाएगा, जिसमें छात्रावास की दीवारों, शौचालय, स्नानागार और अन्य आवश्यक संरचनाओं को दुरुस्त किया जाएगा। साथ ही, सुरक्षा के लिहाज से टूटी हुई बाउंड्री का भी पुनर्निर्माण किया जाएगा।”
छात्रावास को खाली कराने के लिए पहले मौखिक रूप से छात्रों को सूचना दी गई थी, लेकिन अब आधिकारिक रूप से नोटिस चस्पा कर दिया गया है।
नहीं मानने वालों पर होगी कार्रवाई
अधीक्षक ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई विद्यार्थी छात्रावास खाली करने से इनकार करता है या बेवजह देरी करता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान यदि मरम्मत कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होती है, तो प्रशासन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।
छात्रों की चिंता और प्रशासन की योजना
कुछ छात्रों ने छात्रावास खाली करने पर चिंता जताई है, क्योंकि उनके पास रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। इस पर अधीक्षक ने कहा कि,
“हमने छात्रों को पहले ही सूचना दे दी थी ताकि वे अपने ठहरने की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें। इसके अलावा, अगले शैक्षणिक सत्र से पहले मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, ताकि छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।”
विभाग की योजना के अनुसार, छात्रावास को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि यहां रहने वाले छात्रों को बेहतर वातावरण मिल सके।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि छात्रावास की मरम्मत बहुत जरूरी थी, क्योंकि इसकी जर्जर स्थिति से विद्यार्थियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। कुछ अभिभावकों ने कहा कि,
“छात्रावास की खराब स्थिति को लेकर हमने पहले भी शिकायत की थी। अब जब प्रशासन इस पर ध्यान दे रहा है, तो हमें उम्मीद है कि छात्रावास का नया रूप बच्चों के लिए फायदेमंद होगा।”
राजकीय छात्रावास के मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए खाली कराने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों ने सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं और नोटिस चस्पा कर दिया गया है। अगले सत्र में छात्रों को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और बेहतर सुविधाओं वाला छात्रावास मिल सके, इसके लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।
अब देखना यह होगा कि छात्रावास खाली कराने की प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी होती है और मरम्मत कार्य कब तक शुरू किया जाता है।
ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क