कालपी: डेढ़ माह बाद भी जोल्हूपुर जंगल में मिली दो अज्ञात लाशों की शिनाख्त नहीं, पुलिस के लिए बनी पहेली

कालपी (जालौन): कालपी क्षेत्र के जोल्हूपुर-मदारीपुर रोड के जंगल में बरामद हुई दो अज्ञात लाशों की गुत्थी पुलिस के लिए अब तक एक पहेली बनी हुई है। घटना को डेढ़ माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन पुलिस अभी तक मृतकों की पहचान करने में नाकाम साबित हुई है।
घटना का विवरण
गौरतलब है कि 2 फरवरी को ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने जोल्हूपुर जंगल में दो अज्ञात शव बरामद किए थे। इनमें से एक शव ऊपर से जला हुआ था, जबकि दूसरा शव कई दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। शवों के पास से कुछ संदिग्ध वस्तुएं भी मिली थीं, जिससे अनुमान लगाया गया था कि इनमें से एक व्यक्ति ने आत्महत्या की होगी।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामले की जांच शुरू की थी। पुलिस ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही मृतकों की पहचान कर ली जाएगी। जांच के दौरान कुछ खानाबदोश जाति के लोगों से पूछताछ भी की गई थी, लेकिन कोई ठोस जानकारी न मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस की सक्रियता धीरे-धीरे कम होती चली गई और अब मामला ठंडे बस्ते में पड़ता दिख रहा है।
पुलिस की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल
घटना के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस का खोजी अभियान ठंडा पड़ जाने से स्थानीय लोगों में असंतोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि अज्ञात शवों की पहचान न हो पाने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक परमहंस तिवारी का कहना है कि पुलिस अपनी ओर से प्रयासरत है और मृतकों की शिनाख्त के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
पुरानी घटनाओं की गुत्थी भी अब तक अनसुलझी
जोल्हूपुर जंगल की घटना अकेली ऐसी नहीं है, जिसमें पुलिस पहचान करने में असफल रही हो।
- लगभग दो वर्ष पूर्व कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बरखेरा के पास एक युवती का शव बरामद हुआ था, जिसकी शिनाख्त आज तक नहीं हो सकी है।
- इसके अलावा जोल्हूपुर और छौंक गांव के मध्य रेलवे लाइन किनारे बीते वर्ष झाड़ियों में एक अज्ञात युवती का शव मिला था। इस मामले में भी पुलिस अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है।
इलाके में दहशत का माहौल
लगातार सामने आ रही इन घटनाओं और पुलिस की निष्क्रियता के चलते क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों में शीघ्र कार्रवाई न की गई तो आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की आशंका है।
पुलिस को गंभीरता बरतने की जरूरत
इन मामलों के खुलासे के लिए पुलिस को अपने प्रयास तेज करने के साथ ही आधुनिक तकनीक और संसाधनों का सहारा लेना चाहिए ताकि मृतकों की पहचान हो सके और उनके परिजनों को न्याय मिल सके।
ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क