गौशालाओं में गौवंशों के लिए पुख्ता इंतजाम के दिए निर्देश, एसडीएम की अध्यक्षता में गौशाला प्रभारियों की बैठक संपन्न

कालपी (जालौन)। गर्मियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए गौशालाओं तथा गौ आश्रय स्थलों में गौवंशों की सुरक्षा, संरक्षण और सुविधाओं को लेकर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अवनीश कुमार शुक्ला, गौशाला प्रभारी, तहसील प्रशासन के अधिकारी और अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में उपजिलाधिकारी ने गौवंशों के रखरखाव और देखरेख को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी को देखते हुए गौशालाओं में छाया, चारे, पानी और स्वच्छता की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
गर्मियों में गौवंशों के लिए विशेष प्रबंध के निर्देश
तहसील सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में उपजिलाधिकारी ने सभी गौशाला प्रभारियों और सचिवों को यह निर्देश दिया कि गौशालाओं में छाया का पर्याप्त इंतजाम हो। यदि किसी गौशाला में गौवंश की संख्या अधिक है, तो उनमें से कुछ गौवंशों को अन्य गौशालाओं में स्थानांतरित करने के निर्देश भी दिए गए।
उपजिलाधिकारी ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गौवंशों के लिए हरा चारा और भूसे की कोई कमी न हो। इसके साथ ही, उन्होंने स्वच्छ पेयजल और प्रकाश व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
गौशालाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
बैठक में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अवनीश कुमार शुक्ला ने बताया कि आलमपुर गौशाला में वर्तमान में 240 गौवंश रखे गए हैं और उनकी सुख-सुविधाओं के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गौशालाओं में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है।
अधिशासी अधिकारी ने गौशाला संचालकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि गौवंशों को पर्याप्त भोजन, जल और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। साथ ही, उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि कहीं भी अव्यवस्था पाई जाती है, तो उसे जल्द से जल्द दूर किया जाए।
गौवंश संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर
सरकार द्वारा चलाए जा रहे गौ संरक्षण और गौशाला प्रबंधन कार्यक्रमों के तहत प्रशासन लगातार प्रयासरत है कि सभी गौवंशों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया जाए। गौशालाओं में सुविधाओं की जांच के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
निगरानी और जिम्मेदारियों का निर्धारण
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक गौशाला का एक प्रभारी होगा, जो गौवंशों की देखभाल की व्यवस्था पर नजर रखेगा। साथ ही, यदि किसी गौशाला में जगह की कमी होती है, तो गौवंशों को अन्य गौशालाओं में स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि हर गौवंश को पर्याप्त स्थान और भोजन उपलब्ध हो सके।
गौशाला प्रभारियों को मिली जिम्मेदारियाँ
गौशाला प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि वह नियमित रूप से गौवंशों के खान-पान, स्वच्छता और देखभाल का रिकॉर्ड तैयार करें। साथ ही, गौवंशों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए और यदि किसी गौवंश को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क किया जाए।
गौशालाओं के रखरखाव में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
उपजिलाधिकारी ने सभी गौशाला प्रभारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी गौशाला में लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि गौशालाओं में समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा और व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा।
इस बैठक में तहसील प्रशासन के अधिकारी, नगर पालिका के कर्मचारी, गौशाला संचालक और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य गौवंशों को गर्मी से बचाने के लिए उचित व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करना और गौशालाओं की समुचित देखभाल के लिए अधिकारियों को जवाबदेह बनाना था।
गौशालाओं में गौवंशों की देखभाल को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। गर्मी के मौसम में गौवंशों को परेशानी न हो, इसके लिए छाया, हरा चारा, स्वच्छ पानी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सीसीटीवी निगरानी से लेकर नियमित निरीक्षण तक, प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गौवंशों की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क