तहसील कालपी

वनखण्डी देवी मंदिर प्रांगण में ‘शक्ति वाटिका’ कार्यक्रम के तहत हुआ चंदन आदि वृक्षों का वृक्षारोपण

जिलाधिकारी जालौन के निर्देश पर वन विभाग द्वारा हरियाली और आस्था का अनूठा संगम

कालपी (जालौन)। नवरात्रि के पावन पर्व पर कालपी स्थित प्रसिद्ध मां वनखण्डी देवी मंदिर में पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक आस्था को जोड़ते हुए एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर वन विभाग कालपी द्वारा “शक्ति वाटिका – आस्था एवं हरियाली” कार्यक्रम के अंतर्गत चंदन समेत दो दर्जन से अधिक वृक्षों का रोपण किया गया।


ईद के अवसर पर मंदिर पहुंचे डीएम व एसपी, दिया वृक्षारोपण का संदेश

महंत जमुना दास से की भेंट, मंदिर परिसर में हरियाली बढ़ाने का दिया था निर्देश

ज्ञात हो कि गत दिनों ईद के मौके पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय व पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने मां वनखण्डी देवी मंदिर में दर्शन किए थे। इस दौरान उन्होंने मंदिर के महंत जमुना दास से भेंट कर मंदिर परिसर को हराभरा और प्राकृतिक छाया युक्त बनाने का निर्देश दिया था। उन्होंने विशेष रूप से चंदन जैसे दुर्लभ व औषधीय वृक्षों के रोपण पर बल दिया।


वन विभाग की देखरेख में शुरू हुआ सप्ताहव्यापी वृक्षारोपण अभियान

1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक चलेगा ‘शक्ति वाटिका – आस्था एवं हरियाली’ अभियान

जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में वन रेंजर संजय यादव, वन दरोगा हरिओम और मन्ना सिंह के नेतृत्व में 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक चलने वाले वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की गई। इसके अंतर्गत मंदिर परिसर में वृक्षों के लिए चुनी गई जगहों को चिन्हित कर व्यवस्थित रोपण कार्य किया गया।


पूर्व विधायकों व संत महंतों की उपस्थिति में चंदन समेत लगाए गए छायादार व फलदार पौधे

इस पुण्य अवसर पर पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह जादौन, पूर्व विधायक संतराम सिंह सेंगर, महंत जमुना दास, प्रदीप मैहरोत्रा, भारत सिंह यादव समेत अन्य गणमान्य नागरिकों ने सहभागिता निभाई। कार्यक्रम के अंतर्गत 10 चंदन के वृक्ष सहित छायादार, फलदार और फूलदार वृक्षों का भी रोपण किया गया।


भक्तों और स्थानीय नागरिकों की रही बड़ी भागीदारी

हरियाली और धार्मिक वातावरण से भावविभोर हुआ मंदिर परिसर

कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल धार्मिक स्थलों की गरिमा बढ़ाने वाला कार्य है, बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा। मंदिर का वातावरण और अधिक शुद्ध, हराभरा और आकर्षक बनने की दिशा में यह एक प्रभावशाली कदम है।


वन विभाग और जिला प्रशासन की सराहना

हर मंदिर और धार्मिक स्थल पर हो इस प्रकार का अभियान – स्थानीय नागरिकों की मांग

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने वन विभाग और जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन प्रत्येक धार्मिक स्थल पर होने चाहिए, जिससे आस्था के साथ-साथ प्रकृति का भी संरक्षण हो सके।


ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क

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